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22 Mar 2022 · 1 min read

कोई यादों में बाकी था

ज़रूरत के तकाज़ो में
ज़रूरत अपनी-अपनी थी ।
कोई यादों से ख़ाली था
कोई यादों में बाकी था ।।

डाॅ फौज़िया नसीम शाद

Language: Hindi
9 Likes · 147 Views
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