कोई यहाॅं बिछड़ते हैं तो कोई मिलते हैं,
कोई यहाॅं बिछड़ते हैं तो कोई मिलते हैं,
जीवन सुख दुःख के मेल से ही चलते हैं,
बेहिचक हम कर्तव्य-पथ पर निरंतर बढ़ते हैं,
सुख दुःख तो ईश्वर की कृपा से ही मिलते हैं।
…. अजित कर्ण ✍️
कोई यहाॅं बिछड़ते हैं तो कोई मिलते हैं,
जीवन सुख दुःख के मेल से ही चलते हैं,
बेहिचक हम कर्तव्य-पथ पर निरंतर बढ़ते हैं,
सुख दुःख तो ईश्वर की कृपा से ही मिलते हैं।
…. अजित कर्ण ✍️