Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
7 Aug 2024 · 1 min read

कोई यहाॅं बिछड़ते हैं तो कोई मिलते हैं,

कोई यहाॅं बिछड़ते हैं तो कोई मिलते हैं,
जीवन सुख दुःख के मेल से ही चलते हैं,
बेहिचक हम कर्तव्य-पथ पर निरंतर बढ़ते हैं,
सुख दुःख तो‌ ईश्वर की कृपा से ही मिलते हैं।
…. अजित कर्ण ✍️

1 Like · 79 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
■एक ही हल■
■एक ही हल■
*प्रणय*
4430.*पूर्णिका*
4430.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
कितना रोके मगर मुश्किल से निकल जाती है
कितना रोके मगर मुश्किल से निकल जाती है
सिद्धार्थ गोरखपुरी
खुश रहोगे कि ना बेईमान बनो
खुश रहोगे कि ना बेईमान बनो
Shweta Soni
"दर्द का फलसफा"
Dr. Kishan tandon kranti
Sex in itself has no meaning. It’s what we make of it. Our s
Sex in itself has no meaning. It’s what we make of it. Our s
पूर्वार्थ
अबस ही डर रहा था अब तलक मैं
अबस ही डर रहा था अब तलक मैं
Neeraj Naveed
नौकरी (१)
नौकरी (१)
अभिषेक पाण्डेय 'अभि ’
जमात
जमात
AJAY AMITABH SUMAN
लोग भी हमें अच्छा जानते होंगे,
लोग भी हमें अच्छा जानते होंगे,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
भोर के ओस!
भोर के ओस!
कविता झा ‘गीत’
बदनाम
बदनाम
Neeraj Agarwal
हम मुकद्दर से
हम मुकद्दर से
Dr fauzia Naseem shad
शमशान की राख देखकर मन में एक खयाल आया
शमशान की राख देखकर मन में एक खयाल आया
शेखर सिंह
14) “जीवन में योग”
14) “जीवन में योग”
Sapna Arora
डाॅ. राधाकृष्णन को शत-शत नमन
डाॅ. राधाकृष्णन को शत-शत नमन
ओमप्रकाश भारती *ओम्*
सोहर
सोहर
Indu Singh
मैं हिन्दुस्तानी !
मैं हिन्दुस्तानी !
Shyam Sundar Subramanian
मैं मन की भावनाओं के मुताबिक शब्द चुनती हूँ
मैं मन की भावनाओं के मुताबिक शब्द चुनती हूँ
Dr Archana Gupta
विषय :- मीत
विषय :- मीत
DR ARUN KUMAR SHASTRI
" मैं तो लिखता जाऊँगा "
DrLakshman Jha Parimal
ৰাতিপুৱাৰ পৰা
ৰাতিপুৱাৰ পৰা
Otteri Selvakumar
लघुकथा-
लघुकथा- "कैंसर" डॉ तबस्सुम जहां
Dr Tabassum Jahan
इतिहास गवाह है ईस बात का
इतिहास गवाह है ईस बात का
Pramila sultan
फिर चाहे ज़िंदो में.. मैं मुर्दा ही सही...!!
फिर चाहे ज़िंदो में.. मैं मुर्दा ही सही...!!
Ravi Betulwala
मर्यादा की लड़ाई
मर्यादा की लड़ाई
Dr.Archannaa Mishraa
"पहले मुझे लगता था कि मैं बिका नही इसलिए सस्ता हूँ
गुमनाम 'बाबा'
।। आशा और आकांक्षा ।।
।। आशा और आकांक्षा ।।
विनोद कृष्ण सक्सेना, पटवारी
हो हमारी या तुम्हारी चल रही है जिंदगी।
हो हमारी या तुम्हारी चल रही है जिंदगी।
सत्य कुमार प्रेमी
जागो अब तो जागो
जागो अब तो जागो
VINOD CHAUHAN
Loading...