कोई मिठाई तुम्हारे लिए नहीं बनी ..( हास्य व्यंग कविता )
गुलाब जामुन बेशक काला होता है ,
मगर भीतर से तो मीठा होता है ।
इसीलिए गुलाब जामुन से तुम्हारा
चरित्र मेल नहीं खाता ।
काजू कतली ,बर्फी ,रसगुल्ला ,
जैसी कोई भी सफेद मिठाई ।
मीठी भी और उजली,बेदाग होती है ।
तुम्हारी फितरत का है कालिमा से गहरा नाता ।
अब बात करें तुम्हारी जलेबी की ,
वो भी तुमको रास नहीं आने की ,
किस तरह उसने तुमसे मुंह मोड़ा ।
जलेबी हो या बूंदी के लड्डू,इमरती ,
मोती चूर या कोई भी नारंगी मिठाई ।
हैं तो सभी भगवा धारी ।
भगवा धारियों का संग भी तुमको नहीं भाता ।
तो भाई वर्ण संकर जाति के मनुष्य ,
तुम्हारा किसी भी मिठाई से कोई निभा नहीं ,
तुम्हारे लिए तो कड़वा करेला ही अति उत्तम,
ऊपर से हरा,भीतर से कभी लाल और कड़वा ।
तुम्हारा चरित्र तो करेले से ही है मेल खाता।