कोई न सुन सके वह गीत कभी गाया क्या ?
कोई न सुन सके वह गीत कभी गाया क्या ?
कभी पूरा न हो वह ख़्बाब कभी आया क्या?
नक़ली फूलों के चटख शोख़ इरादों से कभी
कोई झोंका महक लेकर कभी इतराया क्या?
चलते चलते कभी थक जायें तमन्ना के कदम
कोई राही बढ़ी बाहों से करीब आया क्या ?
दर्द अपनों ने दिए आंख से आंसू न थमे यूँही,
हँस कर किसी अंजान ने बहलाया क्या?
कभी जुगनू ने शमा बन के अंधेरी गलियां
करके रोशन सही रस्ता कभी दिखलया क्या?
रास्ते में किसी मजलूम को कुछ दे देते
दिल में कई बार यूँही रंजो मलाल आया क्या?
कभी दर्पण में अपना आप बेगाना सा लगा?
कभी अपने ही दिल ने गैर बन ठुकराया क्या?