कोई तो है
प्रकृति की गोद में
सौ रंग मिल जाते हैं
अपनों का संग हो तो
जीने के हजार बहाने मिल जाते हैं
लाख ठुकराये यह दुनिया
प्यार के गीत गुनगुनाने के
ठिकाने मिल जाते हैं
कोई न कोई तो किसी का
सहारा है
किसी न किसी को चला रहा है
उसका समय कटवा रहा है
पहिये सी चलती इस जिन्दगानी में
कोई तो है जो
सुरों के मोती पिरो रहा है।
मीनल
सुपुत्री श्री प्रमोद कुमार
इंडियन डाईकास्टिंग इंडस्ट्रीज
सासनी गेट, आगरा रोड
अलीगढ़ (उ.प्र.) – 202001