कोई तो दिन होगा।
कोई तो दिन होगा जिसकी शाम मेरी होगी।
दीवानगी का आलम होगा आवाम मेरी होगी।।1।।
मेहनतकश हूं मेहनत करूंगा इस जहां में।
कुछ वक्त बाद ही सही पर पहचान मेरी होगी।।2।।
आज गर्दिशों में हुं तो क्या हुआ जिन्दगी।
एक दिन ये आसमान मेरा,ये जमीं मेरी होगी।।3।।
आज मिलने को मना कर रहे हो तुम जो।
एक दिन यह सारी दुनियां कद्रदान मेरी होगी।।4।।
तड़पोगे मुझसे मिलने को तुम जिंदगी में।
मुझे प्यार तो होगा पर हस्ती बेनाम तेरी होगी।।5।।
वक्त सबका बदलता है मेरा भी बदलेगा।
तुफान में भी साहिल पर ये कश्ती मेरी होगी।।6।।
ताज मोहम्मद
लखनऊ