Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
26 Dec 2021 · 1 min read

कोई जंचता ही कब है तुम्हारे सिवा – ग़ज़ल

आप नुकसान दें चाहे दे दें नफा।
सामने पर तुम्हारे ये सिर है झुका।।

मान जाओ जरा रुक भी जाओ कभी।
दे रहे हैं तुम्हे प्यार का वास्ता।।

देख लेगा कोई रोज कहती हो ये।
गर खता है यही तो करेंगे सदा।।

हो गई है मुहब्बत सुनो गौर से।
जुर्म है ये अगर तो सुना दो सज़ा।।

बोल देती हो तुम दूसरा ढूंढ लो।
कोई जंचता ही कब है तुम्हारे सिवा।।

पूछती हो अगर क्या हुआ है मुझे।
दर्द भी हो तुम्हीं और तुम ही दवा।।

गोपाल पाठक”कृष्णा”
बरेली, उप्र

1 Like · 456 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
दिल से
दिल से
DR ARUN KUMAR SHASTRI
अपने पुस्तक के प्रकाशन पर --
अपने पुस्तक के प्रकाशन पर --
Shweta Soni
बदली-बदली सी तश्वीरें...
बदली-बदली सी तश्वीरें...
Dr Rajendra Singh kavi
"प्यासा"के गजल
Vijay kumar Pandey
🥀 #गुरु_चरणों_की_धूल 🥀
🥀 #गुरु_चरणों_की_धूल 🥀
जूनियर झनक कैलाश अज्ञानी झाँसी
हमारा संघर्ष
हमारा संघर्ष
पूर्वार्थ
कभी जो रास्ते तलाशते थे घर की तरफ आने को, अब वही राहें घर से
कभी जो रास्ते तलाशते थे घर की तरफ आने को, अब वही राहें घर से
Manisha Manjari
प्रभु गुण कहे न जाएं तुम्हारे। भजन
प्रभु गुण कहे न जाएं तुम्हारे। भजन
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
बड़ी मुश्किल है
बड़ी मुश्किल है
Basant Bhagawan Roy
*इस बरस*
*इस बरस*
सुरेन्द्र शर्मा 'शिव'
हम थक हार कर बैठते नहीं ज़माने में।
हम थक हार कर बैठते नहीं ज़माने में।
Phool gufran
अक्सर चाहतें दूर हो जाती है,
अक्सर चाहतें दूर हो जाती है,
ओसमणी साहू 'ओश'
अकेले चलने की तो ठानी थी
अकेले चलने की तो ठानी थी
Dr.Kumari Sandhya
बेपनाह थी मोहब्बत, गर मुकाम मिल जाते
बेपनाह थी मोहब्बत, गर मुकाम मिल जाते
Aditya Prakash
33 लयात्मक हाइकु
33 लयात्मक हाइकु
कवि रमेशराज
दर्द ना अश्कों का है ना ही किसी घाव का है.!
दर्द ना अश्कों का है ना ही किसी घाव का है.!
शेखर सिंह
"आशा"
Dr. Kishan tandon kranti
*जग से चले गए जो जाने, लोग कहॉं रहते हैं (गीत)*
*जग से चले गए जो जाने, लोग कहॉं रहते हैं (गीत)*
Ravi Prakash
हिंदी दिवस पर राष्ट्राभिनंदन
हिंदी दिवस पर राष्ट्राभिनंदन
Seema gupta,Alwar
मेरे स्वयं पर प्रयोग
मेरे स्वयं पर प्रयोग
Ms.Ankit Halke jha
अड़बड़ मिठाथे
अड़बड़ मिठाथे
डॉ विजय कुमार कन्नौजे
जब कैमरे काले हुआ करते थे तो लोगो के हृदय पवित्र हुआ करते थे
जब कैमरे काले हुआ करते थे तो लोगो के हृदय पवित्र हुआ करते थे
Rj Anand Prajapati
दिल के अहसास बया होते है अगर
दिल के अहसास बया होते है अगर
Swami Ganganiya
सफ़ीना छीन कर सुनलो किनारा तुम न पाओगे
सफ़ीना छीन कर सुनलो किनारा तुम न पाओगे
आर.एस. 'प्रीतम'
2781. *पूर्णिका*
2781. *पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
मासुमियत - बेटी हूँ मैं।
मासुमियत - बेटी हूँ मैं।
ऐ./सी.राकेश देवडे़ बिरसावादी
■दोहा■
■दोहा■
*Author प्रणय प्रभात*
गुरु पूर्णिमा
गुरु पूर्णिमा
Radhakishan R. Mundhra
ख़त्म हुईं सब दावतें, मस्ती यारो संग
ख़त्म हुईं सब दावतें, मस्ती यारो संग
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
कितना बदल रहे हैं हम ?
कितना बदल रहे हैं हम ?
Dr fauzia Naseem shad
Loading...