कोई चोर है…
मेरे दिल को ले गया वो ,
ज़रूर कोई चोर है !
ज़िंदगी को भर दिया उसने रंगों से ,
शायद कोई मोर है !
ढलना सिखाया नहीं मुझे उसने ,
शायद कोई भोर है !
मेरे दिल को ले गया वो ,
ज़रूर कोई चोर है !
मुझे आगे की राह दिखाई उसने ,
शायद कोई मोड़ है !
मेरे दिल को ले गया वो ,
ज़रूर कोई चोर है !
मेरी बातें सुनता है वो ,
शायद कोई शोर है !
मेरे दिल को ले गया वो ,
ज़रूर कोई चोर है !
कुछ उसकी ओर खींचता – सा लगे ,
शायद कोई डोर है !
मेरे दिल को ले गया वो ,
ज़रूर कोई चोर है !
मुझे तैरना सिखाया उसने ,
शायद कोई छोर है !
कि मेरे दिल को ले गया वो ,
ज़रूर कोई चोर है !
✍️सृष्टि बंसल