कोई चाहे तो पता पाए, मेरे दिल का भी
कोई चाहे तो पता पाए, मेरे दिल का भी
सुना जाए तो कहा जाए,मेरे दिल का भी
किसको फुर्सत है तवज्जो की, दाद देने की
कहाँ लिखा ये पढ़ा जाए,मेरे दिल का भी
कभी कहिए तो जरूरत है आपको,, मेरी
कभी एहसान लिया जाए मेरे दिल का भी
खाक़ ईंटों पे बना रखा था सपनों का महल
अब इमारत ये ढहा जाए,मेरे दिल का भी
देखिए तो शरीक़ कर मुझे अपने गम में
कुछ तज़ुर्बा तो किया जाए,मेरे दिल का भी