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17 Jul 2023 · 1 min read

कोई ख़्वाब है

कोई ख़्वाब है
मेरी आंखों का
मुझे किस
बात का
इंतज़ार है
मेरी सोच में
बस तू ही तू
तेरा दिल को भी
एतबार है
वही शब है
तन्हा सी
वही आसमां
पर चांद है
इन आंखों से
छलकता,
क्यों प्यार
बे “शुमार है।

डाॅ फौज़िया नसीम शाद

12 Likes · 487 Views
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