कोई क्यों नही समझता??
कोशिश तो करती हु
फिर क्यों मुझे कोई नही समझता
हर कोई सिर्फ समझानें की ही कोशिश है करता
पर कभी कोई मेरी क्यों नहीं सुनता
मैं भी तो एक बच्चा ही हूं ना जिसके सीने में भी दिल है धड़कता ।
माना थोड़ा बचपना है जिसको ठीक करने की कोशिश रोज हूं करता।
पढ़ाई भी करती हु कोशिश भी पूरी करती हु पर क्यों कोई नहीं है समझता की इतनी जल्दी नहीं मिलती हर किसी को सफलता
माना मैने बहुत जल्दी हर hu मानता पर कोशिश दुबारा करने में भी तो पीछे नहीं हूं हटता
फिर क्यों कोई नहीं समझता
केसे समझाऊं लोगो को की इस समय मुझे अपने को समझने में थोड़ा वक्त और है लगता
क्योंकी थोड़ी नासमझ हू प्यार से समझाते हो तो हर तो हूं ना समझता??
पर कभी कभी कुछ बाते इसी सुन उसका भी तो दिल है टूटता
नजाने क्यों सबको यही है लगता की उसका दिल नहीं है दुखता ??
पर सच तो ये है की ये बच्चा अंदर ही अंदर बहुत है घुटता
कुछ चीज़ें बीती थी उसके साथ भी इसी जिससे निकल पाना हर किसी के लिए आम सा नहीं होता
जाने अंजाने माना सबका भरोसा एक कांच की तरह है टूटा
उसके लिए माफ है करना 🥺🙏🏻
पर फिर से कोशिश भी तो करने के लिए
लढ़खलाकर ही सही दुबारा खड़ा तो हूं ना उठता ??
फिर क्यों कोई नहीं समझता??
– Prachi Verma
28 /06/2023