कोई क्या करे
हर बार आंसू बहाना कौन पसंद करता है
पर जख्म खाने की आदत हो तो कोई क्या करे
उम्र भर का साथ तो हर कोई चाहता है
पर, चलते रहने की फितरत हो तो कोई क्या करे
मालूम है दोस्ती का रिश्ता पवित्र बहुत होता है लेकिन पवित्रता से मन भर जाए तो कोई क्या करे
रेत का पुतला पानी देखेगा तो चूम ही लेगा,
सिर्फ पलकों पर रखने की नौबत हो तो कोई क्या करे
चाहते तो हैं कि सब कुछ साफ-साफ कह डालें साफ-साफ कह डालें कह डालें,
सिर्फ छिपाने की ही इज़ाज़त हो तो कोई क्या करे
आधे रिश्तों में खुश रहने की कहानियां हमने भी सुनी है,
मगर पूरा पाने की चाहत हो तो कोई क्या करे
हर रोज नई मोहब्बत करना अच्छा नहीं लगता
पर मोहब्बत ही मोहब्बत से राहत हो तो कोई क्या करे
सबको मालूम है आवारगी का नशा नहीं अच्छा
पर हमारे जैसी हालत हो तो कोई क्या करे