कोई किसी का हकदार नहीं रहता…..
कोई किसी का हकदार नहीं रहता
समन्दर पार करने को पतवार नहीं रखता
(48)तुम्हारी याद है की जाती नहीं
तुम्हारी गलिया अब बुलाती नहीं
कैसे ना आये मजबुर हु मैं
तुम्हारी नाराजगी है की जाती नहीं। i
कोई किसी का हकदार नहीं रहता
समन्दर पार करने को पतवार नहीं रखता
(48)तुम्हारी याद है की जाती नहीं
तुम्हारी गलिया अब बुलाती नहीं
कैसे ना आये मजबुर हु मैं
तुम्हारी नाराजगी है की जाती नहीं। i