कोई कह रहा था लोकतंत्र के बारे में —
कोई कह रहा था लोकतंत्र के बारे में —
कि ‘जनता का, जनता के लिए, जनता के द्वारा शासन’
लेकिन मैंने पलटकर कहा —
ये बात सिर्फ़ जुमला है,
और सफ़ेद झूठ है ये कि —
‘नेता नौकर हैं ‘
और जनता इस देश की राजा है ,
असलियत तो ये है कि —
लोकतंत्र में नौकर कहलाने वाले नेता तो
आलीशान गाड़ी में बैठकर आते हैं।
और तथाकथित देश के राजा, आम आदमी
सड़कों पर घिसट- घिसटकर मर जाते हैं।।
— सूर्या