कोई और हो जाना विनीत सिंह
तेरे पीछे तो मेरे जैसे जाने कितने होंगे जानां
लाज़मी है मेरे मैसेज का यूं इग्नोर हो जाना
मै आज भी तेरे लिए बन सकता हूं मसख़रा
एक फोन घुमा देना जब तुम बोर हो जाना
यूं ही मिलते रहो मुझसे, मुमकिन है जब तक
हाथ पीले होते ही तुम कोई और हो जाना
~विनीत सिंह
Vinit Singh Shayar