कॉलेज वाला प्यार
स्कूल की पढ़ाई
जब खत्म हो गई थी
दिल में थी उमंगे
जो साफ दिख रही थी
सामने दिख रही थी
कॉलेज की ही पढ़ाई
लेके दाखिला वहां
आगे ज़िन्दगी बढ़ाई
कॉलेज का पहला दिन था
मेरे साथी भी तो संग थे
मेरी ज़िन्दगी थी उनमें
वो इस ज़िन्दगी के रंग थे
मस्तियां ही करते
नहीं किसी से डरते
कॉलेज की ज़िन्दगी ये
अच्छे से चल रही थी
तब एक दिन वो आयी
मुझे पहली नज़र में भायी
आके सपनो मे थी सताती
फिर भी मुझको थी भाती
अब क्या नहीं मैं करता
उसी की राह तकता
मैनें ढूंढ ली खुदाई
वो फिर नज़र ना आई
मैं मायूस हो गया था
गमगीन हो गया था
यारों को खो गया था
अकेला हो गया था
तब एक सुबह आई
जब वो नज़र थी आई
मेरी दुनिया दिख रही थी
पलकें ठहर गई थी
जब सामने वो आई
हालेदिल बयां किया था
जो भी दिल में था
वो सब कह दिया था
मेरी किस्मत भी थी
उस दिन अच्छी
उसको भी मेरी बातें
लग रही थी सच्ची
उसने भी मेरे प्यार को
खुशी से कबूल कर लिया था
और हमारे प्यार का ये
सिलसिला शुरू हो गया था
मिलने लगे हम अक्सर
जब भी मौका मिलता
जब देखती थी उसे आंखे
दिल में था फूल खिलता
लग रहा था ये समय
जल्दी जल्दी बीत रहा है
फिर सगाई हुई तो लगा
हमारा प्यार जीत रहा है
अब कॉलेज की पढ़ाई
भी पूरी हो गई थी
हम दोनों के बीच
थोड़ी दूरी हो गई थी
कुछ ही सालों में हम
दोनों की शादी हो गई थी
और इस तरह हमारी ये
प्रेम कहानी पूरी हो गई थी ।