*कॉंवड़ियों को कीजिए, झुककर सहज प्रणाम (कुंडलिया)*
कॉंवड़ियों को कीजिए, झुककर सहज प्रणाम (कुंडलिया)
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कॉंवड़ियों को कीजिए, झुककर सहज प्रणाम
मन में इनके बस रहे, शिवशंकर श्रीराम
शिवशंकर श्रीराम, भक्ति का दीप जलाए
चलते यह अविराम, ताल से ताल मिलाए
कहते रवि कविराय, नमन यात्रा-लड़ियों को
अभिवादन सौ बार, जल लिए कॉंवड़ियों को
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रचयिता : रवि प्रकाश
बाजार सर्राफा , रामपुर (उत्तर प्रदेश)
मोबाइल 99976 15451