कैसे हमसे प्यार करोगे
कैसे मुझसे ..#प्यार करोगे।
लहज़ा जो तलवार करोगे।।
रद्दी होना …..स्वाभाविक है
ख़ुद को जो #अख़बार करोगे।।
मैं खादिम हूं मुझे क्या करना
तुम ही #नैया…. पार करोगे।।
आज़ नही आना क्या मिलने
#इश्क में क्या इतवार करोगे।।
धोखा खाने का रख माद्दा
#सूरत से जो ….प्यार करोगे।।
जड़ में नफ़रत भर देने से
#फूलों को भी… ख़ार करोगे।।
इसको भी हां.. उसको भी हां
#दिल का क्या व्यापार करोगे।।
चंचल पास हया तुम रखना
मेरा जब….. दीदार करोगे।।
भोले नेमा चंचल 9424317918
#कविता #ग़जल