कैसे ये कहूँ
कैसे ये कहूँ माँ कि तेरा भक्त बड़ा हूँ
बस भाव सुमन ले के तेरे दर पे खड़ा हूँ
कर दे असीम पर भी कृपादृष्टि आज तू
बालक अबोध हूँ तेरी चौखट पे पड़ा हूँ
©️ शैलेन्द्र ‘असीम’
कैसे ये कहूँ माँ कि तेरा भक्त बड़ा हूँ
बस भाव सुमन ले के तेरे दर पे खड़ा हूँ
कर दे असीम पर भी कृपादृष्टि आज तू
बालक अबोध हूँ तेरी चौखट पे पड़ा हूँ
©️ शैलेन्द्र ‘असीम’