कैसे मनाऊं जन्म दिन,जब तुम नहीं मेरे पास हो -आर के रस्तोगी
कैसे मनाऊं जन्म दिन,जब तुम नहीं मेरे पास हो
दिल के धड़कने कह रही,तुम ही तो मेरी आस हो
मैं हूँ तुम्हारी पतंग,तुम मेरे जीवन की डोर हो
तुम्हारे मेरे बीच में बस कोई न हो अब और हो
छूना चाहती हूँ उच्चाईयों को तुम मेरे आकाश हो
अंधकार सारा मिट जायेगा,तुम तो मेरे प्रकाश हो
सारा जहाँ बेकार लगता,जब तुम नहीं मेरे पास हो
कैसे मनाऊं जन्म दिन,जब तुम नहीं मेरे पास हो
दिन तो कट जाता है,पर रात नहीं कटती तुम्हारे बिना
हिना तो मिल जाती है,उसको कैसे लगाऊं तुम्हारे बिना
मेरे दिल का दर्द कोई न समझे,बताओ अब जाऊं कहाँ
दिल तो तुम्हारे पास है,उसकी धडकनों को ढूढू अब कहाँ
आँखे रो रो के अब थक चुकी,अब उनमे आँसू रहे कहाँ
केक कैसे काटू सनम ,जब तुम नहीं मेरे पास हो
कैसे मनाऊं जन्म दिन,जब तुम नहीं मेरे पास हो
आर के रस्तोगी