कैसे बताऊं मैं
कैसे बताऊं मैं, कैसे समझाऊं मैं
मेरे लिए तुम कौन हो, क्या हो
सुनहरी धूप हो, श्रावणी घटा हो
मचलती नदी या बहती हवा हो
तुम प्रीत हो, मनमीत हो
जीवन का संगीत हो
तुम ही आरजू, तुम ही पूजा
तुम धड़कन का गीत हो
तुम जिंदगी, तुम बंदगी
तुम रोशनी, तुम ताजगी
आंखों में तुम, यादों मे तुम
सांसों में तुम, ख्वाबों में तुम
मेरी हर बात में तुम
मेरी दिन रात में तुम
सुबह में तुम, शाम में तुम
काम में तुम, आराम में तुम
तुम ही प्रेरणा, तुम ही गाथा
मेरी तुम अंतिम अभिलाषा
पहचान, तमन्ना, सपना हो तुम
उम्मीद, गीत बस अपना हो तुम
वरदान हो तुम, अरमान हो तुम
भविष्य तुम ही, वर्तमान हो तुम
तुम और कोई नहीं
यकीनन मेरी जान हो तुम
जी हाँ ! हिन्दुस्तान हो तुम
✍️_ राजेश बन्छोर “राज”
हथखोज (भिलाई), छत्तीसगढ़, 490024