कैसे छपेगी किताब मेरी???
मैं कोई प्रसिद्ध कवि नहीं हूँ
न हीं कोई लोकप्रिय लेखक हूँ
पर..हाँ मुझे लिखना पसंद है
विविध विषयों पर
चिड़िया पर, आकाश पर,
पानी पर, मनुज पर, स्त्री पर
और भी अन्य विषयों पर
इसलिए अकसर मैं,
लिखता रहता हूँ
और..
लिखता रहता हूँ
कुछ लोग कहते हैं कि
तुम अच्छा लिखते हो
अपनी एक किताब कोई
छपवा लो…
फिर उठती है एक ललक
कि..मैं भी छपवाऊँ
कोई किताब अपनी
और करता हूँ फिर
संपर्क प्रकाशकों से
लेकिन जिस उछाह से
मैं कोशिश करता हूँ
उतने ही उछाह से
वह कोशिश मंद पड़ जाती है
उन्-बीस हजार दीजिए
और छपवाइए अपनी
आकर्षक किताब
दस हजार में छाप देंगे हम
आपकी किताब को
और बना देंगे कुछ ही
दिनों में लोक प्रसिद्ध साहित्यकार
हमारे यहाँ छपवाइए..
हम मात्र नौ हजार में छाप देंगे
और आपकी किताब पढ़ी जाएगी
विदेशों में भी
पर…
किताब छपवाली तो
महीने के खर्च का क्या होगा?
उन मासिक किस्तों का
क्या होगा?
जो लिए थे पैसे
पत्नी की बीमारी पर
कोरोना में रुकती अपनी साँसों को
दुरुस्त करने के लिए
चलो, अभी रहने देते हैं
पैसे जोड़ते हैं एक-एक
और फिर छपवाते हैं
अपनी किताब…वो भी आकर्षक
* * ……………………………***
लो जी ये हो गए नौ हजार
बहुत खुशी है मन में
क्योंकि अब मैं अपनी किताब
छपवाने वाला हूँ
और प्रसिद्ध लेखक या कवि
बनने वाला हूँ
आज शाम को करता हूँ बात
प्रकाशक से…तभी…
सुनते हो जी…
अबकि बार एडमिशन के
पैसे जाएँगे बीच वाले के
दम बैठ जाता है
पूछता हूँ..कब…और कितने
रसोई में बरतन खड़काती श्रीमती
बताती है..भूल गए बताया तो था
कल ही तो जाने हैं…चार हजार..
क्या….और छन से टूट जाता है
लेखक बनने का सपना
वो भी लोकप्रिय लेखक होने का
चलो..नौ में से पाँच तो फिर भी हैं
सांत्वना देता हूँ मन को
पहले पाँच हजार दे दूँगा प्रकाशक को
चार की बात बाद में….तभी
आता है पापा जी कहता हुआ छोटा लड़का
पापा..आज मेरा कोर्स जरूर ले आइयो
वरना टीचर..कर देंगी बाहर खड़ा कल फिर
कक्षा के..
याद आया..दस दिन से रोज
वादा कर रहा हूँ
कोर्स लाने का
कितने का होगा लगभग
लगभग कुछ नहीं पापा..
तीन-चार हजार से कम नहीं आएगा
कहकर वो तो बाहर चला जाता है
लेकिन तोड़ जात है छन से
फिर मेरा सपना बनने का
एक प्रसिद्ध कवि…या…एक लोकप्रिय लेखक!
सोनू हंस