कैसे गीत गाएं मल्हार
सावन आया शोर मचाया
जलद ने जल बिछाया।
नभ प्रदेश में अंधकार छाया।
इन्द्र इंद्रजाल खेल रहा अपार,
कैसे गाएं गीत मल्हार।
दामिनी खुद दामन छोड़ आई ,
मीन कणाद में आकर बोलआई ।
दादुर छोड़े राग की टोली संग संग,
मोर ने लिया पंख पसार,
कैसे गाएं गीत मल्हार।
हे सखी बंध गए मेरे झूले
है केश सौम्यता से खुले।
कलोल करते हृदय मेरे ,
पथिक का न मिले आसार।
कैसे गाएं गीत मल्हार।
हरित से रंगी है नियति
सुखावन लागे चारो कति
संदेश मिले न प्रिय मेरे आखर
सुने कौन मेरी चित्कार
कैसे गाएं गीत मल्हार।
सखी तुम यहां ही रहना,
मुझे है अब महल चढ़ना।
राह देखते आंख मलना,
पवन लाए संदेश सकार
कैसे गाएं गीत मल्हार।
नैन सूखे रह गई प्यासी,
पिय दर्शन की अभिलाषी
मीरा सी होई बावली नाची
भक्तों को देख सुखन बांचि।
करे सभी मेरे अनुपकार
कैसे गाएं गीत मल्हार।
ननकी पात्रे ‘मिश्री’
🙏🙏🙏