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6 Oct 2022 · 1 min read

कैसे कोई उम्मीद

अपनी क़िस्मत को हम कहां रखते ।
कैसे कोई उम्मीद-ए- दर खुला रखते ।।

डाॅ फौज़िया नसीम शाद

Language: Hindi
Tag: शेर
15 Likes · 201 Views
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