Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
16 Oct 2016 · 1 min read

कैसे कहु मेरा देश आजाद है/मंदीप

समझा जाता जहाँ नारी को जूती के समान,
होता जहाँ नारी का हर रोज अपमान,
कैसे कहु मेरा देश आजाद है।

बन्दी पट्टी जिस देश के कानून को,
मिलती नही सजा जहाँ गुनेगारो को,
कैसे कहु मेरा देश आजाद है।

जहाँ जूठ का बोलबाला हो,
जूठा जिस देश का नेता हो,
कैसे कहु मेरा देश आजाद है।

जहाँ युवा पीढ़ी बेरोजगार हो,
जहाँ चलती सिफारिश हो,
कैसे कहु मेरा देश आजाद है।

जहाँ कानून को तोड़ते कानून के रखवाले,
जहाँ न होते मुजरिम कानून के हवाले,
कैसे कहु मेरा देश आजाद है।

जहाँ होती हर रोज चोरी चकारी,
जहाँ होती औरत की बलत्कारी,
कैसे कहु मेरा देश आजाद है।

जहाँ हो पैसे वालो की तरफदारी,
और होती जहाँ गरीब की तिरस्कारि,
कैसे कहु मेरा देश आजाद है।

मंदीपसाई

1 Like · 343 Views

You may also like these posts

उलझन !!
उलझन !!
Niharika Verma
आया बाढ़ पहाड़ पे🙏
आया बाढ़ पहाड़ पे🙏
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
2462.पूर्णिका
2462.पूर्णिका
Dr.Khedu Bharti
चांद्र्यान
चांद्र्यान
Ayushi Verma
हनुमान अष्टक
हनुमान अष्टक
Rajesh Kumar Kaurav
वादा
वादा
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
#हास्य_व्यंग्य-
#हास्य_व्यंग्य-
*प्रणय*
पदावली
पदावली
seema sharma
मेरी जिंदगी में मेरा किरदार बस इतना ही था कि कुछ अच्छा कर सकूँ
मेरी जिंदगी में मेरा किरदार बस इतना ही था कि कुछ अच्छा कर सकूँ
Jitendra kumar
जय श्रीकृष्ण । ॐ नमो भगवते वासुदेवाय नमः ।
जय श्रीकृष्ण । ॐ नमो भगवते वासुदेवाय नमः ।
Raju Gajbhiye
महानगरीय जीवन
महानगरीय जीवन
लक्ष्मी सिंह
मुझे मेरे अहंकार ने मारा
मुझे मेरे अहंकार ने मारा
Sudhir srivastava
जब तक मन इजाजत देता नहीं
जब तक मन इजाजत देता नहीं
ruby kumari
अभी तो साँसें धीमी पड़ती जाएँगी,और बेचैनियाँ बढ़ती जाएँगी
अभी तो साँसें धीमी पड़ती जाएँगी,और बेचैनियाँ बढ़ती जाएँगी
पूर्वार्थ
ग़ज़ल - ज़िंदगी इक फ़िल्म है -संदीप ठाकुर
ग़ज़ल - ज़िंदगी इक फ़िल्म है -संदीप ठाकुर
Sandeep Thakur
जिनका मन और दिल साफ़ होता है
जिनका मन और दिल साफ़ होता है
Sonam Puneet Dubey
"कइसन जमाना"
Dr. Kishan tandon kranti
मैं पर्वत हूं, फिर से जीत......✍️💥
मैं पर्वत हूं, फिर से जीत......✍️💥
Shubham Pandey (S P)
केकैयी का पश्चाताप
केकैयी का पश्चाताप
Dr Archana Gupta
प्रकृति की गोद
प्रकृति की गोद
उमा झा
बाबर के वंशज
बाबर के वंशज
हिमांशु बडोनी (दयानिधि)
हत्या
हत्या
Kshma Urmila
हमारे पास आना चाहते हो।
हमारे पास आना चाहते हो।
सत्य कुमार प्रेमी
धरती पर स्वर्ग
धरती पर स्वर्ग
Dr. Pradeep Kumar Sharma
জয় হোক শিবের
জয় হোক শিবের
Arghyadeep Chakraborty
जीवन : एक अद्वितीय यात्रा
जीवन : एक अद्वितीय यात्रा
Mukta Rashmi
https://jlfunwin.com/
https://jlfunwin.com/
jlfunwin
मोर पंख सी नाचे धरती, आह सुहानी
मोर पंख सी नाचे धरती, आह सुहानी
Suryakant Dwivedi
रमेशराज के 2 मुक्तक
रमेशराज के 2 मुक्तक
कवि रमेशराज
वो ख़्वाहिशें जो सदियों तक, ज़हन में पलती हैं।
वो ख़्वाहिशें जो सदियों तक, ज़हन में पलती हैं।
Manisha Manjari
Loading...