कैसे अलग हो सकती है
कैसे अलग हो सकती है
धूप कभी सूरज से
कैसे अलग हो सकती है
कला किसी मूरत से
कैसे अलग हो सकती है
खुशबू महकते फूलों से
कैसे अलग हो सकती है
नदिया बहते पानी से
कैसे अलग हो सकती है
कोई कल्पना कहानी से
कैसे अलग हो सकती है
भावना कभी शब्दों से
कैसे अलग हो सकती है
चमक कभी रत्नों से