कैसी दीवाली
कैसी दीवाली
कैसी दीवाली किसकी दीवाली
जेब भी खाली बैंक भी खाली
हर तरफ हुआ है धूंआ-धूंआ
पर्यावरण भी दूषित हुआ
जीव-जन्तु और पशु-पखेर
आतिशी दहशत में हुए ढेर
कितनों के घर बार जले
निकला दीवाला हाथ मले
अस्थमा रोगी तड़प रहे हैं
उन्मादी अमन हड़प रहे हैं
नकली मावा, नकली पनीर
खाई मिठाई हो के अधीर
लूट-खसोट को सजा बाजार
जहाँ लूटते बिना हथियार
हर चौक पर टूने – टपूने
अंधविश्वास पाखंड हुए दूने
“सिल्ला” कैसा बढ़ा उन्माद
लड़ी पटाखे घातक उत्पाद
कैसी दीवाली किसकी दीवाली
जेब भी खाली बैंक भी खाली
-विनोद सिल्ला