कैसा होगा मेरा भविष्य मत पूछो यह मुझसे
कैसा होगा मेरा भविष्य, मत पूछो यह मुझसे।
होगी कहाँ मेरी मंजिल, मत पूछो यह मुझसे।।
कैसा होगा मेरा भविष्य ———————-।।
क्यों पसीना बहा रहा हूँ, क्यों दौलत कमा रहा हूँ।
क्यों दीपक जला रहा हूँ, मत पूछो यह मुझसे।।
कैसा होगा मेरा भविष्य ———————-।।
क्यों खफ़ा हूँ अपनों से, मैं जुड़ा हूँ किन सपनों से।
होगा मिलन कब अपनों से, मत पूछो यह मुझसे।।
कैसा होगा मेरा भविष्य ———————-।।
क्यों याद उनकी आती है, क्यों नहीं भूला उनसे मुहब्बत।
होगी उनसे मुलाक़ात कैसी, मत पूछो यह मुझसे।।
कैसा होगा मेरा भविष्य ———————-।।
क्यों फ़िक्र नहीं कल की, क्यों नहीं होती इच्छा ऐसी।
होगा कौन मेरा हमराही, मत पूछो यह मुझसे।।
कैसा होगा मेरा भविष्य ———————-।।
शिक्षक एवं साहित्यकार
गुरुदीन वर्मा उर्फ़ जी. आज़ाद
तहसील एवं जिला – बारां (राजस्थान )