कैलेण्डर नववर्ष का (दोहे)
कैलेण्डर नववर्ष का,देख विगत का रोय !
दीवारों पर टांग कर,. कौन रखेगा मोय !!
देना है नव वर्ष मे,…..उनको भी अंजाम !
नही मुकम्मल हो सके,,विगत वर्ष जो काम !!
दिल से अपने कह रही,बार बार आवाम !
होंगे नूतन वर्ष मे,..संसद मे कुछ काम !!
रमेश शर्मा.