के देई दवाई हो
सुनाईं पीर हम केकरा से, के देई दवाई हो|
मुहब्बत के सितम लागऽता, ले के जान जाई हो|
खता हमरो बता के जा, अगर जाए के बा तहके-
वजह बा का भइल बाडू, कहऽ काहें कसाई हो|
सन्तोष कुमार विश्वकर्मा सूर्य’
सुनाईं पीर हम केकरा से, के देई दवाई हो|
मुहब्बत के सितम लागऽता, ले के जान जाई हो|
खता हमरो बता के जा, अगर जाए के बा तहके-
वजह बा का भइल बाडू, कहऽ काहें कसाई हो|
सन्तोष कुमार विश्वकर्मा सूर्य’