केवल माँ कर सकती है
जो बिन बोले अंतस् को सुन ले,
जो बिना कहे खुशियों को चुन ले,
जो नित नया सिखाती जाऐ,
हरदम सच्ची राह बताऐ,
वो केवल माँ कर सकती है….
जो कहे कि तुम कर सकते हो,
कुछ भी तुम बन सकते हो,
एक साधारण संतति को,
ध्रुव तारा सा अटल बनाऐ,
वो केवल माँ कर सकती है….
जो कठिन समय मे धैर्य सिखाऐ,
प्यारी सी बातें बतलाऐ,
समय की पाबंदी समझाऐ,
जीवन में बचत का मोल बताऐ..
वो केवल माँ कर सकती है….
जो कठिनाई का हल बतला दे,
डर को मन से दूर भगा दे,
शिक्षा का जो मूल्य बता दे,
तन कर चलना जो सिखला दे,
वो केवल माँ कर सकती है…
फिर बात बहुत हैं दुनिया की,
रोटी पानी और कुटिया की,
जो जीने के गुर सिखला दे,
जीवन दर्शन घर मे करवा दे,
वो केवल माँ कर सकती है….
© विवेक’वारिद’ *