केवट राम प्रसंग
केवट राम प्रसंग
राम सीता बैठे नाव केवट है खिवैया |
उतराई तुमसे रघुवर नहीं लेंगे भैया ||टेक||
वनवास को निकले जब राम रधुराई |
साथ मे चले है लक्षण और सीता माई ||
विदा करते नगरवासी लेते है बलैया |||1||
मंदाकिनी तट पर श्रीराम जी पधारे |
नाव लावो केवट भैया रामजी पुकारे ||
कैसे बिठांऊ प्रभु मेरी काठ की है नैया ||2||
चरण पखारे केवट कठौता भर पानी |
मरम तुम्हारे रघुवर हमने सब जानी |
छुवत शीला भई ऋषि पत्नि अहिल्या ||3||
तुमको प्रभु मै नदियाँ पार लगाउंगा |
मेरी जीवन नैया तुमसे पार कराउंगा ||
जीवन सफल होगा बोले नाव खिवैया ||4||
डॉ पी सी बिसेन बालाघाट