केवट और श्री राम
केवट बोला भक्ति से,सुनिए श्रीवर राम।
धन्य हुआ मम जन्म अब, आए श्री मम धाम।।
आए श्री मम धाम, पार गंगा को करने।
जाना वन को आज,कष्ट भक्तों के हरने।
निर्भय हों अब संत,बढ़ें सत्कर्मों के घट।
वर्णन करता ओम,हर्ष से गदगद केवट।।
ओम प्रकाश श्रीवास्तव ओम