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22 Feb 2024 · 1 min read

कृष्णा बनकर कान्हा आये

सज-धज कर बरसानेआये
कृष्णा बनकर कान्हा आये
रुठी राधा मनाने आये
कान्हा कृष्णा बनकर आये

मोहनी मूरत सांवली सूरत
टेढ़ी चाल पे तिरछी चितवन
इत-उत झांकत इत-उत निरखत
नैनन बान चलावत आये
कृष्णा बनकर कान्हा आये

आंखों में कजरा बालों में गजरा
बिंदिया चूड़ी पायल कंगना
मोतियों माला झूमत झुमका
पांव महावीर रचाये आये
कृष्णा बनकर कान्हा आये

लाख जतन की राधा ने माने
पांव पड़े कभी चरण दबाये
चूड़ी कंगन बंशी बजाये
कान्हा रुठे राधिका मुस्काये
कृष्णा बनकर कान्हा आये

(स्वरचित मौलिक रचना)
M.Tiwari”Ayan”

Language: Hindi
1 Like · 417 Views
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