कृष्णमय बनूँ
नया रूप धरूं, कृष्णमय बनूँ I
अनोखी भक्त बनूँ I
कृष्णमय बनूँ ।
राधा, मीरा, चैतन्य महाप्रभु । जितने भक्त हुए ,
उन सब से अगल बनूँ ।
अनोखी भक्त बनूँ ।
सबसे अलग भक्त बनूँ ।
तेरे भक्ति की शक्ति में नया रूप धरूँ।
अपना तन – मन गिरिधर साध चलूँ ।
अनूठी अप्रतिम प्रेम मय भक्त बनूँ।
कृष्णमय बनूँ ।
कृष्णा तेरे चरणों ऐसा हो मेरा अर्पण ।
रक्षा करें मेरा समर्पण ।
ना राधा बनूँ, ना मीरा बनूँ।
श्यामा तेरे चरणों की सौगंध ।
सबसे अलग भक्त बनूँ ।
बदल रहा जीवन तन-मन ,
रंग दे दीनबन्धु संकल्प समर्पण _ डॉ. सीमा कुमारी , बिहार (भागलपुर) नया वर्ष मंगल मय हो । जय हिंद