कृषि प्रधान देश में कृषक की अनदेखी
कृषि प्रधान देश में ही कृषकों की अनदेखी
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आज कर्ज़ जो चुका नहीं पाता है वो किसान है।
रच डाले जिसने इतिहास जिधर भी नज़र डाली वो किसान है।
आज भी कर देता है जो अपना सर्वस्व दान वो किसान है।
मिलती नहीं जिसकी कोई मिसाल वो किसान है।
फिर भी आमादा है जो फ़र्ज़ निभाने को वो किसान है ।
डटकर किया जिसने मुकाबला हर आपदा का वो किसान है ।
जिसे रहा नहीं कभी खौफ शेर का।
नतमस्तक है आज वो इन भेडियों की चाल से ।
प्रकृति वातावरण जिसने किया सबकुछ बस में।
चंद बंदरबांट बगुलों के वश में आज वो किसान है।
लेकर मशाल वो जब भी वह निकलता है ।
क्रांति के बीज़ वह बो देता है ।
खरपतवार को उखाड़ , परिवर्तन की फसल पैदा कर ।
देश को नई ऊंचाई के तख्तोताज पर ले जाता है ।
जीडीपी, अर्थव्यवस्था , विकास उसके इर्दगिर्द ही घूमते हैं।
लेकिन जब भी देखता हूँ पीपली / दिल्ली की घटना।
तब बस यही ख्याल आता है।
“जब तक ये अन्नदाता, वोट देते समय हिंदू-मुसलमान में बंटता रहेगा। यूंही लाठियां खाता रहेगा।”
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जय जवान ?? जय किसान
– डॉक्टर महेंद्र सिंह “हंस”