कृषक
क्या अन्नदाता भाग गए या जाग गए
कोई कह रहा जाग गए
जागृति भी आवश्यक थी,
कोरोना काल मे सबसे महत्वपूर्ण भुमिका इन्होने ही तो निभाई थी।
फिर भी आज किसानों को आंदोलन करना पड रहा है।
दुःख होता है यह सुनकर मुझे जो दिन रात मेहनत कर अनाज उपजाए और अंततः उन्हें ही आंदोलन करना पडे तो कैसा लगेगा?
जब सारा देश ऐसा वेसा नहीं “कोरोना” महामारी से त्रासद है
उस समय हमारे कृषक भाईयों ने ही देश की अर्थव्यवस्था को संभाला था।
कहिए क्या यह सही है।