कृषक
बरसे सावन झूम के,कृषक दिखे खुशहाल।
बिन पानी के खेत सब,हो जाता बदहाल ।
हो जाता बदहाल, खेत जब सूखा रहता।
बारिश हो अति जोर,फसल पानी में बहता।
बादल गरजे जोर,कभी मत निकलो घर से।
घटा बड़ी घनघोर,झूम के सावन बरसे।
डी एन झा’दीपक’©