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27 Feb 2022 · 1 min read

कृपा है जग के मालिक की (मुक्तक)

कृपा है जग के मालिक की (मुक्तक)
■■■■■■■■■■■■■■
कृपा है जग के मालिक की ,हमें जो श्वास देता है
सुसज्जित सब सुखों से जो ,हमें आवास देता है
हमारी शख्सियत अक्सर ,निखरती है मुसीबत में
यही वह सोचकर हमको ,कभी वनवास देता है
■■■■■■■■■■■■■■■■■■■■■■
रचयिता : रवि प्रकाश ,बाजार सर्राफा
रामपुर उत्तर प्रदेश
मोबाइल 99976 15451

Language: Hindi
224 Views
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