*कृपा मालिक है तेरी, सौ दफा है शुक्रिया तेरा (गीत)*
कृपा मालिक है तेरी, सौ दफा है शुक्रिया तेरा (गीत)
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कृपा मालिक है तेरी, सौ दफा है शुक्रिया तेरा
(1)
हमें तूने दिए दो हाथ, जो सब काम करते हैं
सलामत हैं हमारे पैर, पर्वत पर जो धरते हैं
हमारे मुँह में है आवाज, आँखों में चमक जारी
हमारे कान सुनते हैं, गगन की हलचलें सारी
नहीं यह कोई मामूली, मेरे मालिक दिया तेरा
(2)
हमें भरपेट भोजन, ऐ मेरे मालिक खिलाता तू
हमारे नित्य चेहरे पर, मधुर मुस्कान लाता तू
हमें देता हवा ठंडी, सदा पेड़ों-पहाड़ों की
अमीरी है हमारे पास, खिलती धूप जाड़ों की
जो अच्छा हो रहा दुनिया में, है सब कुछ किया तेरा
कृपा मालिक है तेरी, सौ दफा है शुक्रिया तेरा
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रचयिता : रवि प्रकाश
बाजार सर्राफा,रामपुर, उत्तर प्रदेश
मोबाइल 99976 15451