कृपा का खजाना
खुद ही आवाज देकर
आज बुलाया है उसने
बदलेंगी दिशायें जिन्दगी की
जीने की राह को बताया है उसने ।
उम्मीदों को विश्वास का
नाम देकर जताया है उसने
दिल की हर इक इच्छा को
समझा है, जाना है उसने ।
अपनी कृपा का खजाना
आज जी भर के लुटाया है उसने
पुलकित हुआ है रोम रोम
ऐसा माहौल बनाया है उसने ।
भटक रहा था मै इधर-उधर
शरण मे अपनी बुलाया है उसने
बांके बिहारी नाम है मेरा
एक बार फिर चेताया है उसने ।।
राज विग 13.01.2018