कृपाण घनाक्षरी…
कृपाण घनाक्षरी (सुन ले श्याम पुकार)…
करूँ श्याम मनुहार,
सुन ले पीन पुकार,
चली आई तेरे द्वार,
कर दे रे बेड़ा पार।
तू ही जीवन आधार,
तुझसे ही ये संसार
है तू ही खेवनहार,
थाम मेरी पतवार।
अद्भुत रचा प्रपंच,
दिखाई दया न रंच,
कैसा रे, तू सरपंच,
है सत्य जहाँ लाचार।
कोई नहीं सच्चा मीत,
झूठी है सबकी प्रीत,
कैसे निभे कोई रीत,
घिरा घना अँधियार।
-डॉ.सीमा अग्रवाल
मुरादाबाद (उ.प्र.)