कुल्हाड़ी मत चलाना
कहा पेड़ ने मानव से
कुल्हाड़ी मत चलाना
मैं तुम्हारा पाँव हूँ
बचोगे तुम भी नहीं मुझे मारकर
मैं तुम्हारा पाँव हूँ
जाओगे जब मझधार में
बचाउंगा तुम्हें मैं
तुम्हारी नाव हूँ
प्यासे मर जाओगे
मैं बदलो को लुभाने वाला ठांव हूँ
काल से बचाउंगा तुम्हें
मैं तुम्हारा गाँव हूँ
सुकून सुख शांति से तुम्हारा
भरने वाला घाव हूँ