कुर्सी
कुर्सी (दुर्मिल सवैया )
सबसे बड़की कुरसी उसके कर में जिसकी कृति उत्तम है।
नित काम करे सबके हित में रविदास बना पुरुषोत्तम है।
जिसके दिल में प्रिय भाव भरा वह मानुष दिव्य कहावत है।
वह उच्च सदा रहता जग में सबमें शुभ कृत्य जगावत है।
साहित्यकार डॉ0 रामबली मिश्र वाराणसी।