कुरीति विनाशक
सोतों को जगाया तुमने
रोतों को हँसाया|
तुमने उस अनैतिक
कुरीति को जलाया|
बड़े विद्वान तुम,
सबसे महान तुम
तुम से बड़ा ना कोई बन पाया ||1||……
जात-पात कुरीति मनु की,
दुराचार मनुस्मृति बनायी|
दिया बढ़ावा दानवता को,
विभिन्न मानव जाति बनायी ||
मज़लूमों की ज़िंदगी से कहर को हटाया|
बड़े विद्वान तुम,
सबसे महान तुम
तुम से बड़ा ना कोई बन पाया ||2||……
नरक हटा जगह स्वर्ग बनाई,
ज़हर-ज़िंदगी को अमृत बनाई|
शिक्षित संगठित संघर्ष सिखाया,
मयंक भीमबाबा जीना सिखाया|
बड़े विद्वान तुम,
सबसे महान तुम
तुम से बड़ा ना कोई बन पाया ||3||……
✍ के.आर.परमाल ‘मयंक’