कुन्डलियां :– सर्व धर्म सन्मति रहे ॥
कुन्डलिया :– सर्व धर्म सन्मति रहे ॥॥॥
सर्व धर्म सन्मति रहे
रखें सभी का मान ।
जाति-धर्म को तोड़ के ,
बना रहे ईमान ।।
बना रहे ईमान
तभी है काबा-काशी ।
मौलाना ,ये संत ,
सभी हैं भारतवासी ॥
कहे “अनुज”ये देश ,
करेगा हर दम उन्नति ।
बना रहे समभाव ,
रहेगी जब तक सन्मति ॥
अनुज तिवारी “इंदवार”