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23 Dec 2020 · 1 min read

कुत्सित मानसिकता वाले पुरूष

मान नारी का भंग करने वालो
हे कुत्सित मानसिकता वाले युवा
कब सुधरोगे जरा बतलाओ

सस्कारों की पाठशाला छूटी कहाँ
क्या है शिष्टाचार तुम्हारे पारिवारिक
नारी से जन्मे , मिले तुम्हें गति कहाँ

कर घिनोना कर्म , आत्मा न सकुचाई
चिर जाता तेरी ,माँ बहन का कलेजा
कर दानव जैसी हरकत, शर्म न आई

कोन लगता है तू , झूठे राजतन्त्र का
दिखाया जो बहसीयापन मातृ शक्ति पर
उसमें लगता है , हाथ रहे राजतन्त्र का

बिसात ए राजनीति की बिछाई गई
किस पल अस्मत की बोली लगाई
सच के सामने झूठ की छवि छिपाई गई

पापकर्म करते , पग तले धरा न थर्राई
काले अक्षरों से अंकित , होगा तेरा इतिहास
देख बहसीयेपन को , निर्लज्जता न आई

Language: Hindi
75 Likes · 2 Comments · 329 Views
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