कुटिल इन्सान कब होता कुटिल तो चाल होती है
कुटिल इन्सान कब होता कुटिल तो चाल होती है
बुराई देखकर इंसानियत बे हाल होती है
करो तुम नेह की बर्षा पिघल जाये कुटिल मन भी
भरा हो नेह दिल में तो मनुजता ढाल होती है
डॉ अर्चना गुप्ता
कुटिल इन्सान कब होता कुटिल तो चाल होती है
बुराई देखकर इंसानियत बे हाल होती है
करो तुम नेह की बर्षा पिघल जाये कुटिल मन भी
भरा हो नेह दिल में तो मनुजता ढाल होती है
डॉ अर्चना गुप्ता