कुछ…
कुछ दरारे आज भी मौजूद हैं
मुझ में..
अभी तक कोई भी उनको
भर ना पाया…
हाँ कोशिश की हैं बहुतो ने
पर दिल से …
कोई उनको भर ना पाया
कोई भी दिल से…
“मंजु” में उतर ना पाया