कुछ हमने कहा कुछ वो कह गई
कुछ हमने कहा कुछ वो कह गई।
कुछ हमने सहा कुछ वो सह गईं
सब खड़े थे सटाकर दीवारों से कान
बहस हमसे थी उनकी भी भोर हो गई।।
बात चार दिवारो की थी ढह गई।
सबकी आँखे थी वो कुछ न कुछ कह गई
काट खाते थे मुझको सारे वो मकान
बात छूकर गली को शहर हो गई
@अंकुर…..